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आज़ादी और घास: गूढ़ प्रश्न / मुकेश निर्विकार
Kavita Kosh से
भैंसें घास चरतीं हैं
चरागाह में
या आजादी?
क्षुधा मिटाती हैं
या पातीं हैं सुख
ड़ोलने का?
घास चरना
वस्तुतः
भोजन और स्वतंत्रता
दोनों को चरना है
घास के मार्फत
पाती है प्रकृति
अपनी आजादी की बढ़वार
जिसे
चर जाती है भैंस
चरागाह में
खुद सांकल में
कैद होने से पहले!