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आज़ादी का नमक / निज़र सरतावी / कल्पना सिंह-चिटनिस
Kavita Kosh से
और अब नमक
एक दूसरा विकल्प
आकुल आत्माओं के लिए
जो गुस्ताखी से
खींचती हैं साँसे
ज़िन्दगी की
एक ज़िद के साथ
अपनी मिट्टी को
हाथों में उठाए,
एक दृढ़ता के साथ
आज़ादी के
कमज़ोर धागों को पकड़े,
नमक
नमक
नमक
एक गिलास पानी के साथ नमक
वे निगलते हैं
और आहें भरते हैं।