आज कोई उससे बोल नहीं रहा है
वह भी ख़ुद को छिपाते हुए
उसकी कोमलता निष्ठा और साहस के साक्ष्य
आज पापा की गिरफ़्त में
प्रेमपत्र कहीं से घर के हत्थे लग गए
आज कोई उससे बोल नहीं रहा है
वह भी ख़ुद को छिपाते हुए
उसकी कोमलता निष्ठा और साहस के साक्ष्य
आज पापा की गिरफ़्त में
प्रेमपत्र कहीं से घर के हत्थे लग गए