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आजादी खातर हिंदवालो नै बहोत मुसिबत ठाई / रामकिशन व्यास

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आजादी खातर हिंदवालो नै बहोत मुसिबत ठाई, क्यूं दयो सो बुराई

तिलक गोखले और मालावी नारोजी परेशान हुए
नाना साहिब अजीमुलाखां क्रांति के इंसान हुए
सन अठारा सौ सतावन मैं दो देश भक्त बलिदान हुए
मंगल पांडे तात्यां टोपे हिंद खातिर कुर्बान हुए
आजादी के बदले उनको फांसी की सजा सुणाई

सन उन्नीस सौ उन्नीस में एक कष्ट हिंद पै आया था
रोल्ट एक्ट अंग्रेजो नैं भारत में नया चलाया था
जलिया वाळे बाग मैं भाईयो जलशा एक रचाया था
जनरल पापी डायर नैं जलशे में जुल्म कुमाया था
मारे गए हजारों बच्चे भारत के लोग लुगाई

सन अठाईस में अंग्रेज कमिशन ले लाहौर में आए थे
लाला लाजपत नै उनको काळे झंडे दिखाए थे
सांडरस की लाठी से लाला मरे लाजपत राय थे
राजगुरु सुखदेव भगत सिंह शेखर संग बतलाए थे
उन चारों नै मार दिया वो साण्डरस अन्याई

बटुकेश्वरदत भगत सिंह नै हिंद के लिए कमाल किया
आठ, चार सन उनतीस को असैम्बली में बंब बगा दिया
नही भागणे पाए पुलिस नै उन दोनों को पकड़ लिया
तेईस मार्च इक्तीस को भारत का गया कांप हिया
राजगुरू, सुखदेव, भगत सिंह फांसी पै चढ़गे भाई

तेईस दो सन इक्तीस मैं चंद्रशेखर इलहाबाद गए
लिए पुलिस नै घेर आप से मर शेखर आजाद गए
सन चालिस मैं आजादी की नेता बांध बुनियाद गए
सन बीयालिस में आई.एन.ए के नेता बण उस्ताद गए
“रामकिशन” आजादी मिलगी नेता जी दिए ना दिखाई