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आजा आजा राजा, करेजा में समाजा / मोती बी.ए.
Kavita Kosh से
आजा आजा राजा, करेजा में समाजा
हो तोहे बिना निदिया ना लागे
सून सून रानी, जवानी ह दीवानी
ना जाने तोसे मनवा का माँगे।
देंहिया के तूरत उठे पुरुवाई
मस्ती में झूमे बदन अलसायी
रहि रहि के हमके आवे अँगड़ाई
भोले भाले सजना देखाव मति सपना
दरद काँहे दिल का ना जाने।
ना जाने तोसे...
अँखिया में तोहरी परनवा हमार बा
उमड़ल जवानी गोरी टूटत करार बा
तोहरी सुरतिया पर जिनगी निसार बा
बुन भरि पानी पियाद मोरी रानी
कसम तोहे जियरा ना माने।
न जाने तोसे...
जियरा जुड़ाव करेजवा लगाव
हमरों पियासि पिया तूँही बुझात
आजा आजा सइयाँ पडूँ मैं तोरे पइयाँ
तुम्हारे संग रसिया मन लागे।
न जाने तोसे...
आजा आजा राजा, करेजा में समाजा
हो तोहे बिना निदिया ना लागे।