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आजु चतुर्थी करू हर, भेल निसार / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आजु चतुर्थी करू हर, भेल निसार
माइ हे, विधिक सेज उठाय निपाबिय कोबर
पालो युवती बैसाओल, हर नहबाओल
माइ हे, बर-कन्या समतूल कि कंगन फोलाओल
गौरीक फोलल पसाहनि, हर शुलपानि
माइ हे, आंगुर धयल सुकुमारि चलल हर कोबर
भार भरल अछि सिन्दूर भरि कंगुर
माइ हे, फेर होयत सिन्दुरदान कि शुभ-शुभ भाखिय
दूधहि चरण पखारल, जल ढ़ारल
माइ हे, ब्रह्मा आगि पजारल, शंकर घृत ढ़ारल
भनहि विद्यापति गाओल, फल पाओन
माइ हे, गौरीक ई बड़ भाग मिलल बर शंकर