भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आजु बना हैं बनरी के नगर मा / बघेली
Kavita Kosh से
बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आजु बना है बनरी के नगर मां
मौरी संवारै बना अपने नगर मां
कलंगी संवारै बनरी के नगर मां
कुन्डल संवारै बना अपने नगर मां
फेनिया सवारै बनरी के नगर मां
आजु बना है बनरी के नगर मां
कन्ठा संवारै बना अपने नगर मां
सेल्ही सवारै बनरी के नगर मां
आजु बना है बनरी के नगर मां
जामा संवारै बना अपने नगर मां
फेन्टा संवारै बनरी के नगर मां
आजु बना है बनरी के नगर मां
कंगन संवारै बना अपने नगर मां
चूड़ा संवारै बनरी के नगर मां
आजु बना है बनरी के नगर मां