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आज का आदमी / सुशान्त सुप्रिय
Kavita Kosh से
मैं ढाई हाथ का आदमी हूँ
मेरा ढाई मील का 'ईगो' है
मेरा ढाई इंच का दिल है
दिल पर ढाई मन का बोझ है