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आज गीत गाने का मन है / माहेश्वर तिवारी
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आज गीत
गाने का मन है ।
अपने को
पाने का मन है ।
अपनी छाया है
फूलों में,
जीना चाह रहा
शूलों में,
मौसम पर
छाने का मन है ।
नदी झील
झरनों सा बहना,
चाह रहा
कुछ पल यों रहना,
चिड़िया हो
जाने का मन है ।