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आज ठाड़ो री बिहारी जमुना तट पे / ब्रजभाषा

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आज ठाड़ो री बिहारी जमुना तट पे
मत जइयो री अकेली कोई पनघट पे
आज ठाड़ो री बिहारी जमुना तट पे...