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आज भी प्यार / रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति

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प्यार है आज भी प्यार सा
किनारे आज भी किनारे हैं
वक़्त कुछ नहीं बदलता
समुंदर भी कुछ नहीं बदलता

गाँव है आज भी गाँव सा
इंसान आज भी इंसान है
शहर कुछ नहीं बदलता
ज़माना भी कुछ नहीं बदलता

दर्द आज भी दर्द सा है
दवा आज भी दवा है
वक़्त कुछ नहीं बालता
वक़्त कुछ भी नहीं बदलता

राह आज भी राह है
सफ़र आज भी सफ़र है