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आज मिलकर गीत गाओ, ईद है / उर्मिल सत्यभूषण
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आज मिलकर गीत गाओ, ईद है
प्रीत की गाथा सुनाओ, ईद है
ईद खुशियों का संदेशा लाई है
रंजो ग़म सब, भूल जाओ, ईद है
यह मिलन त्यौहार है मिल-जुल सभी
हर्ष से आकर मनाओ, ईद है
दूर है क्यों आदमी से आदमी
आदमी को पास लाओ, ईद है
फ़र्ज के सदके, करो कुर्बानियाँ
अहम् की बलियाँ चढ़ाओ, ईद है
आज नफ़रत के वनों में प्रीत की
कृष्ण तुम, बंसी बजाओ, ईद है
ईद उर्मिल मेल करने आई है
फ़ासले सारे मिटाओ, ईद है।