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आज / नरेन्द्र जैन

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कल
अन्धेरा आया था
ढेर सारी
रोशनी फेंक कर चला गया चुपचाप

कल
औरत आई थी
एक गोल-मटोल बच्चा देकर
चली गई चुपचाप

कल
बच्चा आया था
बहुत सारे खिलौने फैला कर
चला गया चुपचाप