आझ अबीर गुलाल उड़ा लऽ।
फाग-राग-उच्छाह भरल दिल
चू-चू हो गेल खाली
कहाँ छिपल हऽ प्रान प्रिये तू
दरसन दे दऽ हाली
माजर बढ़ के होलो टिकोरा
कनखी डेरा डालऽ
आझ अबीर गुलाल उड़ा लऽ।
फाग-राग-उच्छाह भरल दिल
चू-चू हो गेल खाली
कहाँ छिपल हऽ प्रान प्रिये तू
दरसन दे दऽ हाली
माजर बढ़ के होलो टिकोरा
कनखी डेरा डालऽ