भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा / छत्तीसगढ़ी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा
तरँगी-तरँगी जा रे काकड़ा कलार-पारा।

बायले बिती सोए मनुस बिता जागे
अति सुँदर काकड़ा मँद बिकुक लागे।

आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा
आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा।

आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा
तरँगी-तरँगी जा रे काकड़ा मुरिया-पारा।

बायले बिती सोए मनुस बिता जागे
अति सुँदर काकड़ा मसनी मारुक लागे।

आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा
आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा।

आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा
तरँगी-तरँगी जा रे काकड़ा हलबा-पारा।

बायले बिती सोए मनुस बिता जागे
अति सुँदर काकड़ा चिवड़ा कुटुक लागे।

आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा
आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा।

आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा
तरँगी-तरँगी जा रे काकड़ा गाँयता-पारा।

बायले बिती सोए मनुस बिता जागे
अति सुँदर काकड़ा माँडो मारुक लागे।

अति सुँदर काकड़ा मँद बिकुक लागे
अति सुँदर काकड़ा मसनी मारुक लागे
अति सुँदर काकड़ा लाई फोड़ुक लागे
अति सुँदर काकड़ा चिवड़ा कुटुक लागे
अति सुँदर काकड़ा माँडो मारुक लागे।