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आतंक, श्रद्धा और डर / पुष्पेन्द्र फाल्गुन

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लादेन मारा गया
सत्य साईं मर गए
दोनों ही मोस्ट वांटेड थे और रहेंगे
आतंक से श्रद्धा पैदा होती है
और श्रद्धा का आतंक इंसान को कभी उबरने नहीं देता

लादेन ने आतंक से श्रद्धा पैदा की
सत्य साईं ने श्रद्धा से आतंक फैलाया
दोनों ही इंसानियत के दुश्मन थे
दोनों ही मर चुके
लेकिन डरे हुए इंसान
मरे हुओं को
कभी मरने नहीं देते
अपने डर के वलय में संजोकर रखते हैं उन्हें
ताकि उनका डर
डर न लगे
श्रद्धा लगे, आस्था लगे, हौसला लगे, प्रेरणा लगे
डरे हुए इंसान
इंसानियत के सबसे बड़े दुश्मन हैं
लादेन और सत्य साईं से भी बड़े दुश्मन
डरे हुए इंसान
अतीत में रोप चुके हैं
और आगम में भी रोपेंगे अपना-अपना डर
इंसानियत का भविष्य
बचेगा तभी, जब
डरे हुए इंसान
मार चुकेंगे अपना-अपना डर
इंसानियत नहीं बचेगी
यदि एक भी डरा हुआ इंसान
मर जाए अपने डर समेत