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आत्मा नीलाम करके कुछ भी पा लो / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
आत्मा नीलाम करके कुछ भी पा लो
रात वाला काम करके कुछ भी पा लो।
गर तुम्हारे नाम से कुछ हो न हासिल
तो हमें बदनाम करके कुछ भी पा लो।
जाल में फँस जाय गर मोटा शिकार
तो उसे नाकाम करके कुछ भी पा लो।
मर गये माँ - बाप बेचारे तडपकर
आज चारों धाम करके कुछ भी पा लो।
और यदि सरकार माँगों को न माने
तो सड़क को जाम करके कुछ भी पा लो।
किन्तु ये इतिहास केवल जानता है
एक अच्छा काम करके कुछ भी पा लो।