रक़ाबियाँ यूँ ज़ोर से पटकी जाती हैं
कि शोरबा छलक जाता है ।
रूखी आवाज़ में
सुनाया जाता है हुक़्म : खाना तैयार...
प्रशियाई उकाब
चूज़ों के गले में
ठूँसता है दाना ।
1953
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य
रक़ाबियाँ यूँ ज़ोर से पटकी जाती हैं
कि शोरबा छलक जाता है ।
रूखी आवाज़ में
सुनाया जाता है हुक़्म : खाना तैयार...
प्रशियाई उकाब
चूज़ों के गले में
ठूँसता है दाना ।
1953
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य