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आदमी मुद्दा है / उमा शंकर सिंह परमार
Kavita Kosh से
अपराध की ईमानदार
सम्भावनाओं में
शान्ति की मनमानीपूर्ण दलीलों में
आदमी ख़ुद की उपस्थिति के ख़िलाफ़
एक मुद्दा है
बाज़ार की शानदार दहशत में
ख़ूनी दंगों की साज़िश में
आदमी ख़ुद की उपस्थिति के ख़िलाफ़
एक मुद्दा है
मुल्क की जेलों में सड़ रहे
जल, ज़मीन, जंगल की लड़ाई में
चिन्हित किए गए
देशद्रोहियों की
सज़ा-ए-मौत के ख़िलाफ़
आदमी एक मुद्दा है
भूख की भव्य इमारतों में
नज़रबन्द
सरकारी दस्तावेज़ों से बहिष्कृत
लाशों की सामूहिक हड़ताल में
दागी गयी गोलियों के ख़िलाफ़
आदमी एक मुद्दा है