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आदि शक्ति सें निवेदन / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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सब कुछ में तोरे टा छाया
सब दिन देखै छीयै।
आदिशक्ति रोॅ माया प्रिय हे
कुछ नै बूझे छीयै।
माय दुर्गो केॅ बड़ी कृपा सें
भवसागर तोंय तरलेॅह जी।
सब अरमान पूरैलैह आपनों
हमरा विधुर बनैलेह जी।
हमरोॅ जीवन पागल नाँकी।
रात दिन बौराबै छै।
पता ठिकानों कहीं न तोरोॅ
धरती भर में पाबै छै।
हे माँ दुर्गा तोंही बताबॅ
विरह ताप कहिया मिटतैं?
की अपराध भेलौ, हमरा सें
गलती केॅ माफी मिलतै।
पति धर्म रोॅ पालन कर लाँ
तन-मन-धन सें माँ दिन रात।
ढ़ोल बजाय के गेलखिन माँ हे
पावी केॅ युग-युग अहिवात।
महाशक्ति माँ कष्टहारिणी
हमरोॅ बेड़ा पार करॅ।
मिलन कराबॅ प्राण प्रिया सें
कष्ट दूर, उद्धार करॅ।

26/12/15