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आधा बिस्किट / रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति

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तुम्हारे हाथों से तोड़ा आधा बिस्किट
संसार का सबसे खूबसूरत हिस्सा है
जहाँ कहीं भी आधा बिस्किट है
हमारा ही प्यार है वहाँ

तुम कहाँ-कहाँ रख देती हो अपना प्यार
बिस्किटों के साथ चाय के सुनहरेपन में
पानी के गिलास और विदा की सौंफ में

तुमने दुनिया के कोने में रख दिया है प्यार
हर कहीं मिल जाता है तुम्हारा आधा बिस्किट