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आध सेर चाउर / अरविन्द श्रीवास्तव

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आध सेर चाउर पका
बुढ़वा ने खाया, बुढ़िया ने खाया
लेंगरा न खाया, बौकी ने खाया
माँड़ पिया बकरी ने, कुतवा ने खाया चवर-चवर

आध सेर चाउर नहीं पका
बुढ़वा ने नहीं खाया, बुढ़िया ने नहीं खाया
रह गया लेंगरा भूखा, बौकी भूखी
कुतवा भूखा, बकरिया भूखी

जो गया था चाउर लाने
लौट कर नहीं आया, आज तक !