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आन पर लोग जान देते हैं / हरि फ़ैज़ाबादी
Kavita Kosh से
आन पर लोग जान देते हैं
आप दौलत पे ध्यान देते हैं
डूबे हैं आप ख़ुद तमाशे में
हमको गीता का ज्ञान देते हैं
बात बासी उन्हें खटकती है
रोज़ ताज़ा बयान देते हैं
कौन से दिन को वो कहें अच्छा
साल भर जो लगान देते हैं
फ़ायदा हम ही ले नहीं पाते
वो तो सबको अज़ान देते हैं
उनको किस चीज़ की कमी है जो
सबकी ख़ुशियों पे ध्यान देते हैं
अब ये दिल आपका हुआ मेरा
जाइये हम ज़बान देते हैं