आपके जो जी में आए आप मनमर्ज़ी करें
हम भला क्योंकर बताएँ उसकी अनदेखी करें
जानते हैं हम तुम्हें लौट आओगे फिर, इसलिए
जाने वाले हम तुम्हारी फ़िक्र भी कितनी करें
रोज़ होते हादसे पर जब नियंत्रण है नहीं
कहिये इस सरकार से ख़ाली अभी गद्दी करें
भाईचारा, प्रेम, सद्गुण शेष जो सत्कार हैं
पूर्वजों की इन विरासत की तो रखवाली करें
सामने वाले की चर्चा ख़ूब की 'पंकज' मगर
हाशिये पर लोग जो हैं ज़िक्र उनका भी करें