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आपको पढ़ना और लिखना है / हरिवंश प्रभात
Kavita Kosh से
आपको पढ़ना और लिखना है, मुझे अच्छा लगता है।
प्यार से यूँ देख लेना है, मुझे अच्छा लगता है।
एक गुरु एक शिष्य रहा है, रीति जीवन की यही,
सीखना और पढ़ते रहना है, मुझे अच्छा लगता है।
धरती पर रह सितारों की तरह चमका किया,
उनके कदमों को भी चलना है, मुझे अच्छा लगता है।
जब उड़ाती हैं हवाएँ बादलों को हर तरफ़,
आसमां का यह फसाना है, मुझे अच्छा लगता है।
बहता पानी है नदी में, देता रहता यह सदा,
इनकी वाणी सुन भी लेना है, मुझे अच्छा लगता है।
जज नहीं बनना है मुझको, सिर्फ़ रहना है वकील,
शान से बातें भी करना है, मुझे अच्छा लगता है।