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आपणो संग रलाईं प्यारे / बुल्ले शाह
Kavita Kosh से
आपणो संग रलाईं प्यारे,
आपणो संग रलाईं।
पहिलों नेंहु लगाया सी तैं,
आपे चाई चाई।
मैं लाा ए कि तुध लाया,
आपणी ओड़ निभाई।
आपणो संग रलाईं प्यारे।
राह पवाँ ताँ धाड़े बेले,
जंगल लक्ख बलाईं।
भौंकण चीते ते चित्त मुचित्ते<ref>ऊबड़-खाबड़</ref>,
भौंकण करन अदाईं।
आपणो संग रलाईं प्यारे।
पार तेरे जगतार चढ़ेआ,
कन्ढे लक्ख बलाईं।
हौल दिले दा थर थर कम्बदा।
बेड़ा पार लंघाईं।
आपणो संग रलाईं प्यारे।
कर लई बंदगी रब्ब सच्चे दी,
पवण कबूल दुआईं।
बुल्ले शाह ते शाहँ दा मुखड़ा,
घुँघट खोहल विखाईं।
आपणो संग रलाईं प्यारे।
शब्दार्थ
<references/>