आप का ही खयाल है अब तो
जिंदगी बेमिसाल है अब तो
बस रहा जो हमारे दिल मे है
शख्स वो बाकमाल है अब तो
वो जो आतंक को बढ़ाते है
खून उनका न लाल है अब तो
भर गयी धूल से हवा ऐसे
साँस लेना मुहाल है अब तो
है बरसने लगी घटा गम की
दर्द आँसू बहाल है अब तो
राह में है नहीं शज़र कोई
धूप का ये जलाल है अब तो
भूल बैठा सफेद काला जो
पास उसके ही माल है अब तो