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आप की नज़रों ने समझा / राजा मेंहदी अली खान
Kavita Kosh से
आपकी नज़रों ने समझा प्यार के क़ाबिल मुझे
दिल की ऐ धड़कन ठहर जा मिल गई मंज़िल मुझे
जी, हमें मंज़ूर है आपका ये फ़ैसला
कह रही है हर नज़र बंदा-परवर शुक्रिया
हँस की अपनी ज़िंदगी में कर लिया शामिल मुझे
आपकी मंज़िल हूँ मैं, मेरी मंज़िल आप हैं
क्यों मैं तूफ़ाँ से डरूँ, मेरे साहिल आप हैं
कोई तूफ़ाँ से कह दे मिल गया साहिल मुझे
पड़ गई दिल पर मेरे आपकी परछाइयाँ
हर तरफ़ बजने लगीं सैकड़ों शहनाइयाँ
दो जहाँ की आज ख़ुशियाँ हो गईं हासिल मुझे
फ़िल्म : अनपढ़ (1962)