भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आप यूँ ही अगर हमसे मिलते रहे / राजा मेंहदी अली खान
Kavita Kosh से
आप यूँ ही अगर हमसे मिलते रहे, देखिए एक दिन प्यार हो जाएगा ।
ऐसी बातें न कर, ओ हसीं जादूगर! मेरा दिल तेरी आँखों में खो जाएगा ।
पीछे-पीछे मेरे आप आती हैं क्यों, मेरी राहों में आँखें बिछाती हैं क्यों
क्या कहूँ आपसे यह भी इक राज है, एक दिन इसका इज़हार हो जाएगा ।
कैसी जादूगरी की अरे जादूगर! तेरे चेहरे से हटती नहीं ये नज़र,
ऐसी नज़रों से देखा अगर आपने, शर्म से रंग गुलनार हो जाएगा ।
मैं मौहब्बत की राहों से अनजान हूँ, क्या करूँ, क्या करूँ, मैं परेशान हूँ
आपकी ये परेशानियाँ देख कर, मेरा दिल भी परेशान हो जाएगा ।
फ़िल्म : एक मुसाफ़िर, एक हसीना (1962)