भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आप री आप जाणों / अजय कुमार सोनी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आज दियाळी है
आप चसाओला
हरमेस री भांत
इण बार भी
नूंवै घर में
नूंआं दिवला
आप बताओ दिखाण
नूंआं दिवला
म्हूं कठै चसाऊं
जद कै
हरमेस री भांत
म्हारै है
जूनो घर-जूना दिवला !
दिवला तो
दिवला ई रैसी
काई नूंआं
काई पुराणां
आप री आप जाणों !