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आप सच जान सकेंगे तो भलाई होगी / बाबा बैद्यनाथ झा

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आप सच जान सकेंगे तो भलाई होगी
शर्म भी दूर हटेगी न हँसाई होगी

रोज़ जब पास रही तो वह लगे अपनी ही
भान मुझको न हुआ था कि पराई होगी

प्यार का जाल बिछाती तो भरम था लगता
ग़ैर का हाथ मिला है तो सगाई होगी

काम सारे तो बुरे ही वह अभी हैं करते
टोक दें आप उसे तो वह ढिठाई होगी

बात कड़वी ही हमेशा वह कहा करते हैं
बोल मीठे जो निकल जाए मिठाई होगी

रोज़ कहनी थी ग़जल पर हो नहीं पाता अब
गीत बनता ही नहीं अब क्या रुबाई होगी