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आब चलहुँ कुँवर हो खेलन होरी / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आब चलहुँ कुँवर हो खेलन होरी
जहाँ राधे श्याम बनल जोड़ी
अपने - अपने घर सँ निकसी
मोतियन माँ भरे गोरी, आब चलहुँ...
श्याम के हाथ रंग - पिचकारी
राधा के हाथ अबीर झोरी, आब चलहुँ...
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस के
रंग खेलहुँ बलजोरी, आब चलहुँ...
यमुना तट, यमुना तट श्याम खेलै होरी, यमुना तट...
सब सखियन मिलि जमुना नहइहौं
सबहक चीर भये चोरी, यमुना तट...
सब सखियन मिलिी गोर लगतु छथि
चीर दिऔ हमर जोड़ी, यमुना तट...
श्याम के हाथ रंग - पिचकारी
बोड़ि देलनि हमर चुनरी, यमुना तट...
यमुना तट, यमुना तट श्याम खेलै होरी, यमुना तट