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आमन्त्रण / ओरहान वेली
Kavita Kosh से
इन्तज़ार है
ऐसे मौसम में आना तुम
कि मैं तुम्हें
इन्कार न कर पाऊँ।
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय