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आम / पंकज चतुर्वेदी
Kavita Kosh से
रसाल है रामचरित
और रसाल है
अवधी में उसका विन्यास
भक्ति का रस
और काव्य का रस
जानने में
शायद इससे भी मदद मिले
कि कौन-सा आम
खाते थे तुलसीदास