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आरजू थी हमारी वर्षों से / दीनानाथ सुमित्र
Kavita Kosh से
आरजू थी हमारी वर्षों से
कोई हमदम मिले, करार मिले
वो मिले हमसे हाय! ऐसे मिले
जैसे बीमार से बीमार मिले