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आले गीले चन्दन कटाय मेरे बाबा / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आले गीले चन्दन कटाय मेरे बाबा
और जाय धरे धरमसाला जी
नई बनाई अट्टालिका जी
जिस चढ़ देखे बीबी का बाबा
कितनी आई है बरात जी
देख डरा बीबी का दादा
यह दल कहां समाय जी
नौ लख घाड़े सवा लख हाथी
गाड़ियों की लगी है कतार जी
क्यों लरजो मेरे भोले से बाबा
राम करै बेड़ा पार जी
वह आवैं मेरे ताऊ चाचा
वह आवैं मेरे मामा फूफा
हंस हंस लेंगे बरात जी
मत घबरा मत घबरा मेरे बाबा
वही लगावैं पार जी