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आलोचनात्मक दृष्टिकोण / बैर्तोल्त ब्रेष्त / शुचि मिश्रा

अत्यधिक लोगों ने महसूसा
आलोचनात्मक दृष्टिकोण प्रभावी नहीं
सत्ता पर
आलोचना का नहीं पड़ता असर
अतः वे पाते हैं कि नहीं कारगर

किन्तु इस सन्दर्भ में
नहीं है जो दृष्टिकोण प्रभावी
वही है अ-प्रभावी

अगर आलोचना को
प्राप्त हो हाथ और औजार
तो ध्वस्त किए जा सकते हैं साम्राज्य

बाँधना नदी की धार
छाँटना पेड़ फलदार
मनुष्य को शिक्षित करना
राज्य को बदलना
— ये सारे ढंग हैं प्रभावी
आलोचना के भी; कला के भी !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : शुचि मिश्रा

लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
                 Bertolt Brecht
        On The Critical Attitude

The critical attitude
Strikes many people as unfruitful
That is because they find the state
Impervious to their criticism
But what in this case is an unfruitful attitude
Is merely a feeble attitude. Give criticism arms
And states can be demolished by it.

Canalising a river
Grafting a fruit tree
Educating a person
Transforming a state
These are instances of fruitful criticism
And at the same time instances of art.