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आवाज़ / प्रताप सहगल
Kavita Kosh से
एक बूढ़े ने
दिशा बदल दी है
अपने आकार में तह कर दिया
सारा आकाश।
कोई ताकत की गोलियां खाकर
'पार्लियमेन्ट' से
आवाजें उठायेगा
आकाश की ओर
और धीरे से छोड़ देगा
रक्त-नलिकाओं का प्रवाह
इतने हास्यास्पद समय में
इस बदलाव के खिलाफ़
हमारे पास क्या है
आवाज़ के सिवाय।
1966