(आशियाना )
 न बस सका 
 मेरा ही आशियाना 
 सबका बसा
(भटकन)
भटका मन 
गुलमोहर वन 
बन हिरन
(सरसों)
खेत है वधू
सरसों हैं गहने 
स्वर्ण के जैसे
(पवन)
मन्त्रोचारण 
करती ये पवन 
देव - पूजा सी
(गाँव)
नीम की छाँव 
मीठे कुएँ का पानी 
वो मेरा गाँव