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आशियाना (हाइकु) / भावना कुँअर
Kavita Kosh से
(आशियाना )
न बस सका
मेरा ही आशियाना
सबका बसा
(भटकन)
भटका मन
गुलमोहर वन
बन हिरन
(सरसों)
खेत है वधू
सरसों हैं गहने
स्वर्ण के जैसे
(पवन)
मन्त्रोचारण
करती ये पवन
देव - पूजा सी
(गाँव)
नीम की छाँव
मीठे कुएँ का पानी
वो मेरा गाँव