भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आषाढ़ के एक दिन / महाभूत चन्दन राय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आषाढ़ का एक दिन अपने खेतों में खड़ा हलधर
टुकटुकी लगाए निहारता है आकाश
जैसे वर्षा की दुल्हनिया के आगमन को
अपने घर की देहरी पर प्रतीक्षरत हो कोई यजमान

आषाढ़ का एक दिन.. ..
वर्षा के देवता इन्द्र व्याकुल हैं पानी के खारेपन से
वर्षा की खोज में इन्द्रलोक से प्रस्थान कर चुके हैं सारे देवता-गण
इन्द्रलोक खाली पड़ा है..
पानी की यह दुर्व्यवस्था कि इन्द्र पी रहे हैं पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर
और इन्द्रलोक की अप्सराएँ बेच रही हैं वाटर प्योरिफायिंग सिस्टम !