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आसानियाँ और मुश्किलें / मनमोहन
Kavita Kosh से
न कहना आसान है
और कहना मुश्किल
लेकिन कहते चले जाना
न कहने जैसा है
और काफ़ी आसान है
इसी तरह न रहना आसान है
और रहना मुश्किल
लेकिन रहते चले जाना
न रहने जैसा है
और काफ़ी आसान है
चाहें तो सहने के बारे में भी
ऐसा ही कुछ कहा जा सकता है