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आस्था / शशि सहगल
Kavita Kosh से
कुम्भ के मेले में
साधु करते हैं स्नान
देते हैं ज्ञान
पोथियों में लिखे शब्द
थमा देते हैं
प्रश्नाकुल आँखों को
क्या ख़ुद उन्हें
समस्या का समाधान मिल जाता है?
या फिर
कुम्भ यों ही निकल जाता है।