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आस: च्यार / शिवराज भारतीय

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आस
भलैई करै
लगोलग निरास
जीवण
भलैई भोगे
मोकळो त्रास
पण
उणरै मोटै घर री
कद छुटै
आस
अर मिनख करै
आस रै ताण
लगोलग प्रयास।