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आ आंख क्यूं भरै, ठा है म्हनै / सांवर दइया
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आ आंख क्यूं भरै, ठा है म्हनै
कुण उडीकै घरै, ठा है म्हनै
सील-सी रैवै बांरू ई मास
पाणी कठै मरै, ठा है म्हनै
थांरी बात ठीक- आभो खुलो
चिड़कली क्यूं डरै, ठा है म्हनै
सागै हालण री सौगनां लै
गया बै क्यूं परै, ठा है म्हनै
किण रै अड़ी जिको मनावै
म्हारै बिना सरै, ठा है म्हनै