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आ गयी जुलाई / कमलेश द्विवेदी
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आओ अंशू-रिक्की-रानी आओ चुन्नू-मुन्नू भाई.
फिर पढ़ने का मौसम आया-यह कहती आ गयी जुलाई.
नैनीताल-मसूरी-ऊटी,
या तुमने घूमा शिमला।
गर्मी में सर्दी जैसा ही,
कहाँ तुम्हें आनंद मिला।
कैसे पर्वत-झरने देखे कैसे तुमने नाव चलाई.
फिर पढ़ने का मौसम आया-यह कहती आ गयी जुलाई.
गये आगरा-दिल्ली-जयपुर,
या तुमने देखा भोपाल।
कहाँ-कहाँ तुम गये घूमने,
मुझे बताओ सारा हाल।
तुमने क्या-क्या चीज खरीदी खाई तुमने कौन मिठाई.
फिर पढ़ने का मौसम आया-यह कहती आ गयी जुलाई.
या घर में ही लूडो-कैरम,
खेले तुमने खेल अनेक।
इसी विषय पर प्यारे बच्चों,
लिख डालो तुम निबंध एक।
अबकी गर्मी वाली छुट्टी किसने कैसे कहाँ बिताई.
फिर पढ़ने का मौसम आया-यह कहती आ गयी जुलाई.