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आ जाओ तुम्हारे बिन संसार अधूरा है / रंजना वर्मा

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आ जाओ तुम्हारे बिन संसार अधूरा है।
हर साँस अधूरी है घर-बार अधूरा है॥

लगता न हमारा दिल अब तो कहीं भी प्यारे
दिल की है गली सूनी त्यौहार अधूरा है॥

आधी ही निशा बीती है चाँद अधूरा ही
इस रात दिवानी का सिंगार अधूरा है॥

जब दर्द पिघलता है तब अश्रु भी है ढलता
बिन नींद निगाहों का विस्तार अधूरा है॥

अब बर ही नहीं आती कोई भी दुआ मेरी
किस्मत से किया जो भी मनुहार अधूरा है॥