मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आ डोलाँ फनाँ के महिसौथामे जइतीयै यौ
हौ सब दिन पूरबा तीसीपुरमे बहै छह।
एक दिन पछिया महिसौथा घुरतै।
आ जइ दिन अऔतै मोती दुलरूआ
अपने से बिआह हौ तीसीपुरमे करतै।
आ डोलीयाँ फनाँ के आइ कुसमा के लऽ जेतै हौऽ।
आ डोलाँ फनाँ के महिसौथामे जइतीयै यौ
हौ सब दिन पूरबा तीसीपुरमे बहै छह।
एक दिन पछिया महिसौथा घुरतै।
आ जइ दिन अऔतै मोती दुलरूआ
अपने से बिआह हौ तीसीपुरमे करतै।
आ डोलीयाँ फनाँ के आइ कुसमा के लऽ जेतै हौऽ।