Last modified on 10 अप्रैल 2011, at 09:34

आ नाव मझधार अर एकलो आदमी / सांवर दइया

आ नाव मझधार अर एकलो आदमी
आ टूटी पतवार अर एकलो आदमी

पडूं-पडूं भींतां अर छात हेठै वासो
आ बिरखा री मार अर एकलो आदमी

थारो कांई तूं बस थारी खेंच ओढ
आ बात बेकार अर एकलो आदमी

हाथ नै बाढै हाथ अर छोड़ै पग मन
आ दोलड़ी मार अर एकलो आदमी

एक आस लियां मन अलख जगातो फ़िरै
आ हवा हथियार अर एकलो आदमी