मन में बज उठा
फिर वही पुराना
गीत
उमड़ा है
नशा शोखी
प्यार वही
तुम आ रहे हो
तुम्हारे आने की खबर की
खुशबू
उड़ाई है हवाओं ने ही कि
तुम आ रहे हो
हरे हो गए आँगन के बिरवे
खिल उठा मन का हरसिंगार
कि आ
रहे
हो
तुम।
मन में बज उठा
फिर वही पुराना
गीत
उमड़ा है
नशा शोखी
प्यार वही
तुम आ रहे हो
तुम्हारे आने की खबर की
खुशबू
उड़ाई है हवाओं ने ही कि
तुम आ रहे हो
हरे हो गए आँगन के बिरवे
खिल उठा मन का हरसिंगार
कि आ
रहे
हो
तुम।