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आ है होळी ? / सांवर दइया
Kavita Kosh से
लोगां नै
बुद्धू बक्सै री बाथां में देख
रंग नै रळी आयगी
रंग खेलण री
आ देख
होळी में बड़गी होळी
पण
इक्कीसवीं सदी कानी
आंधा हुय र दौड़ते लोगां री भीड़ में
गुलाल नै लाध्या कोनी गाल
अर
पिचकारी नै चोळी
आ है होळी ?